हमें मूर्ख बनाते विज्ञापन
आज से कुछ साल पहले तक डेटॉल और लाइफ बॉय अपने साबुन के एड में दिखाते थे कि उनके प्रोडक्ट से 99% तक जर्म मर जाते हैं, सिर्फ लगाकर धोने भर से। अब इनके हैंडवॉश मार्केट में आये तो इन्होंने अपना नया एड बनाया और साबुन से घृणा करने के लिए बताया कि इसमें जर्म चिपके रह जाते हैं इसलिए इनसे बचने के लिए आपको बिना टच किये इस्तेमाल किये जाने वाला हैंडवॉश खरीद कर लाना चाहिए, विज्ञापन में दिखाया जाता है कि साबुन पर कीटाणु बिलबिला रहे हैं। अब सोचने वाली बात यह है कि पहले जिन साबुनों से 99% जर्म्स नष्ट हो रहे थे उनपर इतने सारे जर्म्स कैसे जीवित रह सकते हैं? या तो आप उस वक्त झूठ बोल रहे थे या फिर अब झूठ बोल रहे हैं। फ्लोर कलीनर के एड भी इसी तरह मूर्ख बना रहे हैं। हम भारतीयों को मूर्ख बनाकर लूटने में कोई भी कंपनी पीछे नही है ना स्वदेशी और ना विदेशी।
मोस्क्विटो रिपेलेंट के कुछ साल पहले के एड बताते थे कि उनके प्रयोग करने से सारे मच्छर भाग जाएंगे या मर जाएंगे। लेकिन अब वे कह रहे हैं कि हम चार गुना ज्यादा असरदार प्रोडक्ट लाये हैं आपके लिए। अरे भाई जब आपके प्रोडक्ट से सारे मच्छर भाग ही रहे थे तो फिर आपको यह चार गुना ज्यादा असरदार प्रोडक्ट लाने की क्या ज़रूरत आन पड़ी? क्या पहले वाले से सब नहीं भाग रहे थे और अगर नहीं भाग रहे थे तो आपने पहले क्यों नहीं बताया। चलो नहीं बताया तो अब बतादो कि पहले वाला असरदार नहीं था और वह एड केवल आपको मूर्ख बनाने के लिए था प्रिय ग्राहकों। आल आउट, मार्टिन, गुड नाईट, मैक्सओ सभी हमें बरसों से इसी तरह मूर्ख बनाते हुए आ रहे हैं। दुर्भाग्य से हमारा तंत्र एक खास बात इनके बारे में नहीं बताता कि ये रिपेलेंट कितने घातक हैं। कैंसर कारक और लकवाग्रस्त कर देने वाले हैं ये सब के सब। क्या इसपर यह चेतावनी अंकित नहीं करवानी चाहिए हमारी सरकार को? अवश्य करवाना चाहिए यदि वह हमारे लिए फिक्रमंद है तो। मैंने ऐसे कई मासूम लोगों को देखा है जो बागीचों में जाकर शुद्ध हवा में दस मिनट प्रणायाम करते हैं और रातभर इन मोस्क्विटो रिपेलेंट की ज़हरीली हवा में सांस लेते हैं। बच्चों को एड में दिखाकर हमें इमोशनल ब्लैकमेल किया जाता है और हम इन ज़हरीले प्रोडक्ट को खरीद कर उन्हीं की सेहत को बर्बाद कर देते हैं। हम हमारे बच्चों को राहुल द्रविड़ का एड देखकर बीड़ी सिगरेट के धुएं से तो बचाते हैं लेकिन इन ज़हरीले धुओं के हवाले कर देते हैं। शायद ही कभी कोई खिलाड़ी या कोई मंत्रालय इन ज़हरीले धुओं से बचने के लिए कभी एड बनाएगा। हम इंसान इंसेक्ट प्रजाति के जीवों से कभी नहीं जीत पाएंगे। क्योंकि यह बहुत ही विकसित प्रजाति है। कीटों को मारने के लिए कीटनाशक दवाओं का फसलों पर अथाह प्रयोग मनुष्य के जीवन के लिए संकट बन चुका है लेकिन कीटों की संख्या में कोई कमी नहीं आई। क्यों? क्योंकि वे हमसे कभी नहीं हारेंगे।
टूथपेस्ट के एड में पहले कोयला, नीम, बबूल, निम्बू और नमक का मजाक उड़ाया और अब पूछ रहे हैं कि क्या आपके टूथपेस्ट में नमक है / नींबू है / नीम है? अरे भाई आपने जब इन्हें निकलवा दिया था तो होंगे कहां से! एक बात पर ध्यान दें कि कोई भी जानवर टूथपेस्ट नहीं करता लेकिन उनके दांत हम इंसानों से स्वस्थ, सफेद और मजबूत है। कोलगेट, सेंसोडाइन, पेप्सोडेंट आदि सभी के सभी डेंटिस्ट के सुझाए नंबर वन है लेकिन मैंने एक भी डेंटिस्ट के पर्चे पर इन्हें प्रेस्क्राइब करते हुए नहीं देखा। अब पता नहीं ये कौनसे डेंटिस्ट हैं जो इन्हें ही दिखते हैं हम आम लोगों को नहीं।
आजकल वाटर प्यूरिफायर के नए एड में दिखाया जा रहा है कि यह ज़रूरी मिनरल्स बचाए रखता है। अच्छा तो पहले आपने क्यों नहीं बताया था कि इससे ज़रूरी मिनरल्स नष्ट होते हैं। आपने कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे ज़रूरी मिनरल्स को नष्ट करके अनगिनत जोड़ों के दर्द और डिप्रेशन के रोगी बना दिये। इसका जिम्मेदार कौन है?
अंडरवेअर से लड़कियों का झुंड लड़के की तरफ दौड़ पड़ता है, परफ्यूम से लड़कियां मदहोश हो जाती हैं, ये सब पुरुषों के अवचेतन को खुरचकर मूर्ख बनाने वाले एड हैं। कुछ ही दिनों तक लगाने से गोरीे और सुंदर बनादेने का वादा करते क्रीम युवतियों के अवचेतन को खुरचकर मूर्ख बनाते हैं… लेकिन बन दोनों ही रहे हैं। क्या? मूर्ख और क्या।
एक डिब्बाबंद प्रोडक्ट से बच्चे को शक्तिशाली बनाने का वादा किया जाता है। क्यों? क्योंकि माँ बाप ऐसा ही सपना देखते हैं कि उनका बच्चा सबसे शक्तिशाली हो जाए। लेकिन सम्मानीय अभिभावकों अगर डब्बों में शक्ति और स्वास्थ्य मिलता तो हमारे देश के सबसे शक्तिशाली बच्चे मुकेश अम्बानी जी के दोनों बच्चे होते। थोड़ी अक़्ल लगाओ और वजह पता करो कि यह डिब्बों पर डिब्बा चट कर जाने वाले आधुनिक बच्चे विश्व इतिहास के सबसे कमज़ोर बच्चे क्यों हैं?
पुनःश्च:- एकबार एक नाटी दम्पत्ति ने मुझसे पूछा कि क्या हम टेलिविजन पर आने वाले टेलीमार्केटिंग का एक प्रोडक्ट खरीद लें, हमारे बेटे की हाइट बढ़ाने के लिए। क्योंकि उसमें एक नाटी दंपत्ति अपने बेटे को बचपन से वह प्रोडक्ट देती है और उनका बेटा चमत्कारी रूप से लंबा हो जाता है।
मैंने उनसे पुछा कि कितने साल बड़ा बच्चा था वह और कबसे उन्होंने खिलाना शुरू किया था उसे वह प्रोडक्ट? उन्होंने बताया कि 17 से 18 साल का होगा उनका बेटा और उन्होंने 5 साल की उम्र से ही खिलाना शुरू कर दिया था। मैंने उनसे कहा कि क्या आपने आज से 12 साल पहले उस कंपनी के प्रोडक्ट का नाम सुना था? एक से दो साल पुरानी कंपनी 12 साल पहले कैसे कुछ बेच सकती है? उन्हें मेरी बात समझ आगई और उन्होंने वह बेअसर और बहुत महंगी दवाई खरीदने का विचार त्याग दिया।
आप भी थोड़ासा दिमाग लगाएंगे तो इनके चंगुल में कभी नहीं फसेंगे। वे हमें मूर्ख बनाने के लिए एड बनाते हैं क्योंकि उन्हें यक़ीन है कि हमें मूर्ख बनाया जा सकता है। क्या आप भी उनका सॉफ्ट टॉरगेट हैं… बहुत सॉफ्ट… फूल सॉफ्ट???