बैक्टीरिया अच्छे भी होते हैं

कई सालों तक हम बैक्टीरिया को अपना शत्रु समझते रहे लेकिन जैसे जैसे रिसर्च होती गई पता चलता गया कि हमारे शरीर मे मौजूद बैक्टीरिया हमारे मित्र होते हैं। ऐसे मित्र जो हमारा जीवन है और जिनके बिना हमारा जीवन मुश्किल है। यह हमारी आंतों में होते हैं और इनकी तादाद हमारी शरीर की कुल कोशिकाओं से 10 गुना ज्यादा होती है अर्थात इनकी तादाद है 100 ट्रिलियन। कई शोधों से यह भी पता चला है कि यह बैक्टीरिया हम सभी इंसानों में अलग अलग होते हैं, विशिष्ट बिल्कुल वैसे जैसे कि हमारे फिंगर प्रिंट्स।

एंटीबायोटिक के आविष्कार के बाद हमने बैक्टेरिया के खिलाफ युद्ध छेड़ा, दवा निर्माताओं ने अपनी दवाइयों को बेचने के लिए डर का हव्वा खड़ा किया और हर छोटी-मोटी समस्याओं में हमें एंटीबायोटिक के डोज़ धड़ल्ले से खिलाना शुरू कर दिये। हमने इन एंटीबायोटिक से अपने इन मित्रों की बेतहाशा हत्याएं की ठीक उसी क्रूरता से जैसे कि हिटलर ने इंसानों को गैस चैम्बर में मारकर मास-जीनोसाइड किया था। एंटीबायोटिक दवाओं से बुरे बैक्टेरिया मरते हैं माना *ज्ञात रहे कि अब बहुत से बैक्टेरिया रेसिस्टेंट भी हो चुके हैं) लेकिन वे इन बेचारे जीवनदायी हमारे रक्षक बैक्टेरिया को भी खत्म कर देते हैं। इससे हमारे शरीर में इनकी कमी हो जाती है बस इसी स्थिति को ‘डिसबायोसिस’ कहते हैं। अर्थात अच्छे बैक्टेरिया की शरीर में कमी और हानिकारक बैक्टेरिया की वृद्धि।

एंटीबायोटिक के अलावा एंटासिड भी डिसबायोसिस के लिए जिम्मेदार हैं। क्योंकि वे आमाशय में एसिड को कम करते हैं जो कि बुरे बैक्टेरिया को नष्ट करता था। एसिड कम होने से बुरे बैक्टीरिया की तादाद बढ़ जाती हैं और वे मिलकर अच्छे बेक्टेरिया को नष्ट करने लगते हैं।

स्टेरॉइड, एन्टीअलर्जीक दवा भी शरीर की इम्युनिटी को कम करते हैं जिससे बुरे बैक्टेरिया बढ़ते हैं और अच्छे बैक्टेरिया को नष्ट करने लगते हैं।

जंक फूड, बहुत तेज़ मिर्च मसाला, शुगर, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और नॉनवेज ज्यादा मात्रा में लेना तथा कच्चे फल और सब्ज़िया, रेशेदार भोजन को कम खाना भी डिसबायोसिस उत्पन्न करता है।

हमारे मित्र बैक्टीरिया हमारे लिए क्या क्या करते हैं-

●बुरे बैक्टीरिया को ये नष्ट करके हमें इंफेक्शन से बचाते हैं।
●शरीर में फंगस को नष्ट करते हैं।
●शरीर से टॉक्सिन्स को नही बनने देते हैं।
●भोजन में मौजूद टॉक्सिन्स को नष्ट करते हैं।
●कब्ज़ से बचाते हैं।
●दस्त और पेचिश से रक्षा करते हैं।
●विटामिन बी और के का निर्माण करते हैं।
●मिनरल्स का अब्सॉर्प्शन बढ़ाते हैं।
●प्रोटीन और वसा के पाचन में सहायता करते हैं।
●इम्युनिटी बढ़ाते हैं।
●हॉर्मोन निर्माण में सहायता करते हैं जैसे एस्ट्रोजन।
●कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके हार्ट की समस्या से बचाते हैं।
●कैंसर से बचाते हैं।

मित्र बैक्टेरिया को नष्ट करना ऐसा ही जैसे कि हम धीमे ज़हर से आत्महत्या कर रहें हो। इनकी रक्षा कीजिए अपने लिए अपने स्वास्थ्य के लिए।

एंटीबायोटिक का प्रयोग बात बात पर न करें, एंटासिड फैशन के तौर पर न लें, आर्टिफिशियल स्टेरॉइड से बचें, जंक फूड की जगह नेचुरल, शाकाहारी और कच्चा भोजन लें। दवाओं में प्रोबायोटिक लें ताकि इन मित्र बैक्टीरिया के मित्रों की संख्या शरीर में बढ़े।

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